
कटनी,रीठी।। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP.
प्रदेश सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन देखने में यह आ रहा है कि विकास के नाम पर मिलने वाली भारी भरकम राशि को सीईओ व उपयंत्रियों की मिलीभगत से ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ठिकाने लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरपंच सचिव निर्माण कार्य के नाम पर लीपापोती कर अपनी जेबें गर्म कर में लगे हुए हैं। खास बात तो यह है कि इसकी शिकायत करने पर भी अधिकारी कार्यवाही करना तो भला कोसों दूर की बात है जांच तक करने की जहमत नहीं उठाते, जिसके चलते सरपंच सचिवों के हौंसले बुलंद हो जाते हैं और यह खुलेआम मनमानी करने उतारू हैं।
अनुपयोगी साबित हो रहा निर्माण कार्य
ऐसा ही एक ताजा मामला रीठी के जनपद पंचायत कार्यालय के सामने स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य का सामने आया है। बताया गया कि उक्त शिव मंदिर के समीप पांचवें वित्त है रंगमंच का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था, जिसके लिए पांच लाख रुपए की राशि मिली थी जिसका निर्माण कार्य ग्राम पंचायत घनिया द्वारा किया जा रहा था। देखा गया कि उक्त निर्माण कार्य स्वीकृति से विपरीत किया गया है जो अनुपयोगी साबित हो रहा है। बताया गया कि पांच लाख रुपए की लागत से शिव मंदिर के समीप रंगमंच का निर्माण होना था, लेकिन सीईओ और उपयंत्री की मिलीभगत से उक्त स्थान पर छतरी का निर्माण कर शासकीय राशि हड़प ली गई है। शासन व लोगों की आंख में धूल झोंकने का काम किया गया है।
पुराने चबूतरे पर कर दिया लीपापोती
मंदिर समिति व ग्रामीण ने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। ग्राम पंचायत घनिया के सरपंच और सचिव द्वारा मंदिर परिसर में पहले से बने चबूतरे पर टाइल्स लगाकर लीपापोती कर दी है। जबकि मंदिर के समीप रंगमंच का निर्माण होना था, लेकिन इसके विपरित छतरी बनाकर निर्माण कार्य को अनुपयोगी कर दिया गया है। पुराने चबूतरे पर लीपापोती कर सरपंच सचिव व उपयंत्री ने अपनी-अपनी जेबें गर्म कर ली है।
जनपद पंचायत कार्यालय के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल
बताया गया कि उक्त भ्रष्टाचार रीठी के जनपद पंचायत कार्यालय के सामने मुख्य द्वार पर हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जनपद पंचायत के सीईओ, उपयंत्री और अन्य जिम्मेदार अधिकारी अपनी आंख में पट्टी बांध कर यहां से गुजरते थे। जिनकी नजरें स्वीकृति से हटकर हो रहे निर्माण कार्य की ओर नहीं पड़ी। जबकि उक्त शिव मंदिर जनपद पंचायत के मुख्य द्वार पर ही बना हुआ है। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे जनपद पंचायत के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जनपद सीईओ की मिलीभगत से सरपंच सचिव व उपयंत्री ने खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या उपयंत्री आंख में पट्टी बांध कर उक्त निर्णय कार्य का मूल्यांकन कर रहे थे।
शिकायत पर भी नहीं हुई जांच
खास बात तो यह है कि बीते दिनों मंदिर समिति व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शिव मंदिर में रंगमंच के नाम बनाई जा रही छतरी की लिखित शिकायत जनपद सीईओ से की गई थी। जिस पर कार्रवाई करना तो भला कोसों दूर की बात है जनपद पंचायत के सीईओ ने जांच कराने तक की जहमत नहीं उठाई। ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ व जिला कलेक्टर को भी शिकायती पत्र भेजा था। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और सरपंच सचिव ने शासन की पांच लाख रुपए की राशि लीपापोती कर खर्च कर डाली। लोगों का कहना है कि जब जनपद पंचायत कार्यालय के सामने खुलेआम मनमानी हो रही है तो ग्राम पंचायत में कितना भ्रष्टाचार होता होगा इसे से इसकी कल्पना की जा सकती है।
राशि पर रोक लगाकर भौतिक मूल्यांकन की मांग
नर्मदेश्वर महादेव मंदिर समिति व स्थानीय ग्रामीणों ने बीते जनपद सीईओ को सौंपे शिकायती पत्र में निर्माण कार्य के भौतिक सत्यापन कर हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की थी। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य का भौतिक मूल्यांकन कर राशि पर रोक लगाई जाए और जो राशि जारी हो चुकी है उसकी रिकवरी करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि दोषी उपयंत्री पर भी कठोर कार्रवाई होना चाहिए। शिकायतकर्ताओं ने कार्यवाही न होने की स्थिति में आंदोलन करने की भी प्रशासन को चेतावनी दी